चंडीगढ़ में हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर काम नहीं कर पाएंगे। जो लोग वहां से सवारियां ले जाने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ ट्राई सिटी टैंपो ट्रेवलर यूनियन मुखर हो गई है।
इन्होंने बुधवार को चंडीगढ़ में बैठक की है और निर्णय लिया है कि इस तरह के हिमाचली टैक्सी ऑपरेटरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। ट्राई सिटी यूनियन के महासचिव अशोक ने बताया कि उनकी बैठक में निर्णय लिया गया है कि बाहर से यहां टैक्सी लेकर आने वाले जो लोग यहां लगातार सवारियां ले जा रहे हैं और एक तरफ से परमानेंट यहां पर बैठे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रशासन को इस बाबत लिखित शिकायत की है और प्रशासन ने भी हामी भरी है, क्योंकि कानून कहता है कि कोई भी कमर्शियल व्हीकल ऑपरेटर अपने होम स्टेट या होम टाउन में ही बिजनेस कर सकता है, न कि किसी दूसरे इलाके में जाकर।
यहां चंडीगढ़ में आकर हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर वहां से सवारियां ले जा रहे हैं, जिससे सीधा नुकसान यहां के ऑपरेटरों को हो रहा है। इतना ही नहीं पंजाब, हरियाणा के टैक्सी ऑपरेटर जो हिमाचल जा रहे हैं, वहां पर स्पेशल रोड़ टैक्स वसूला जा रहा है। इस स्पेशल रोड टैक्स से उनको काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसमें एक दिन में ही चार से पांच हजार का नुकसान होता है।
जब टैक्सी चालक केंद्र सरकार को एआईटीपी दे रहा है, अलग से हिमाचल को टैक्स क्यों दिया जाए। एक तरफ केंद्र को दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ हिमाचल को। इसलिए वेे लोग यहां इसका विरोध कर रहे हैं और इसे किसी भी सूरत में नहीं मानेंगे।
अशोक का कहना है कि हिमाचल से टैक्सी चालक वहां आ सकते हैं, उनको किसी तरह का कोई भय नहीं, जिनका साथ वह भी हर परिस्थिति में देंगे। मगर जो लोग यहां परमानमेंट आकर काम करने लगे हैं और लगातार यहां से सवारियां ले जा रहे हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा।
चंडीगढ़ के साथ शुरू हुए इस विवाद का अब क्या हल निकलेगा, यह समय बताएगा लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के साथ भी वहां की यूनियन ने पूरी बात की है और वह भी उनका साथ देने को तैयार हैं।