शानन पावर प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब

जोगिन्दरनगर : हिमाचल सरकार ने मंडी जिला के जोगिन्दरनगर स्थित शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर पंजाब को सुप्रीम कोर्ट में झटका दिया है। सोमवार को हुई सुनवाई में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार की याचिका के आधार को ही रद्द करने का आवेदन डाल दिया।

बरोट में स्थित रिजर्वायर

हिमाचल ने क्लेम किया है कि शानन पावर प्रोजेक्ट का एरिया पंजाब से ट्रांसफर हुई टेरिटरी में नहीं आता, इसलिए इस क्षेत्र में पंजाब री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट लागू नहीं होगा। इसी एक्ट के आधार पर पंजाब ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के 131वें अनुच्छेद के तहत याचिका दायर की थी।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान हिमाचल सरकार ने सिविल प्रोसीजर कोड के आर्डर 07 रूल 11 के तहत पंजाब की इस याचिका के औचित्य पर सवाल उठाए।

हिमाचल ने कहा कि यह विवाद इंटर स्टेट झगड़ा नहीं है। शानन बिजली प्रोजेक्ट का लीज एग्रीमेंट 1925 में मंडी के राजा और तब की केंद्र सरकार के बीच हुआ था।

पंजाब को यह प्रोजेक्ट सिर्फ चलाने के लिए ट्रांसफर किया गया था, क्योंकि हिमाचल पूर्ण राज्य नहीं था और हिमाचल में बिजली बोर्ड भी अलग से नहीं था। यह लीज एग्रीमेंट दो मार्च, 2024 को पूरा हो गया है।

हिमाचल सरकार के तर्क सुनने के बाद जस्टिस अभय एस ओका की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट पहले हिमाचल सरकार की एप्लीकेशन के आधार पर पंजाब सरकार की याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई अब आठ नवंबर, 2024 को होगी।

पंजाब सरकार ही गई है सुप्रीम कोर्ट

110 मेगावाट के शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की लीज अवधि पूरा होने के बाद हिमाचल को प्रोजेक्ट वापस लौटाने के बजाय पंजाब ही सुप्रीम कोर्ट गया है।

पंजाब ने तर्क दिया था कि यह बिजली प्रोजेक्ट पंजाबी रि.ऑर्गेनाइजेशन एक्ट की भारत सरकार की नोटिफिकेशन के तहत पंजाब को ट्रांसफर हुआ है, इसलिए हिमाचल सरकार को इस बारे में कोई भी जबरन कार्रवाई करने से रोका जाए।

केस सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद हिमाचल सरकार अलर्ट हो गई थी और खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अफसरों के संपर्क में थे। सीएम के ऊर्जा सलाहकार राम सुभग सिंह वकीलों से चर्चा के लिए कई बार दिल्ली दौड़ते रहे।

क्या है विवाद

110 मेगावाट क्षमता वाला है शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट

ब्रिटिश काल का यह हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट 1925 में बनकर तैयार हुआ था, जो पंजाब को 99 साल की लीज पर मिला
लीज एग्रीमेंट मंडी के राजा जोगिंदर बहादुर और पंजाब के चीफ इंजीनियर और ब्रिटिश नुमाइंदे कर्नल बीसी बैटी के बीच हुआ

दो मार्च, 2024 को लीज की मियाद पूरी हो गई, लेकिन पंजाब अब भी प्रोजेक्ट पर दावा छोडऩे को तैयाार नहीं।

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