जोगिन्दर नगर – पूरे देश में धूम मचा रहे कोलावरी डी का हिमाचली वर्जन तैयार हो गया है। ‘हर घड़ी बंदिया रिया गल्लां तुस्से कजो लाई री…’ यह वे लाइनें हैं, जो सुपर-डुपर हिट गाने कोलावरी डी की तर्ज पर मंडी जिला के जोगिंद्रनगर के आदर्श राठौर ने इस गाने की म्यूजिक बीट पर गाई हैं। कोलावरी डी का हिमाचली वर्जन भी उसी की तरह धूम मचा रहा है। अभी तक इसका ऑडियो वर्जन फेसबुक पर और यू ट्यूब पर खूब गूंज रहा है। गाने के गीतकार के नाम का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन गाने की पंक्तियां युवाओं की सोच पर सटीक उतरती नजर आ रही है। राठौर ने सुर भी ऐसा दिया है कि हर कोई मुग्ध होकर इसे सुनता है और गाने की लाइनें वाह एहसास बखूबी करवा देती हैं, जो मौजूदा समाज में हो रहा है। इस गाने का मुखड़ा और इसके अंतरे सामाजिक हरकतों को तार-तार करते नजर आते हैं। नतीजतन पहले अंतरे में दर्ज है, शिमला कूल-कूल सुट पांदी व्हाइट काली पांदी मिनी स्कर्ट कदकी जींस टाइट। अब मुखड़ा दोहराने के बाद अगला अंतरा भी कुछ कम दमदार नहीं है। इसमें बाइक कल्चर को लपेटे में लिया गया है, जिसके तहत अगे-अगे चलदी छोरी पीछे छोरुआं री बाइक लिफ्टा देणे रा कंपीटीशन, छोरू करदे फाइट। इसी गाने के अगले अंतरे में युवाओं में बढ़ती शराब की नशाखोरी और फिजूलखर्ची की आदत को निशाना बनाया गया है। इस अंतरे में गाया गया है कि, गलास आफ व्हीस्की हत्थे च गलास, गलासे उं ठरडा अखियां हूं प्यास। खाली लाइफ आई छोरी होया पढ़ाइया रा नास। इसके अंतिम अंतरे में मल्टी ब्वाय एंड गर्ल फ्रैंड कल्चर को लेकर चुटकी ली गई है, ढऊआ ढऊआ इक इक ढऊआ खर्च करी दितेया पऊआ पऊआ, पऊआ पऊआ, खाली करी दितेया सै तां मूई ओई गई सैट, हुण ता समझी जा बंदियां दे हुंदे कई ऑप्शन, तुस्सां जे कुछ नियां। कोलावरी डी का हिमाचली संस्करण 14 दिसंबर, 2011 को यू ट्यूब पर अपलोड हुआ। बहरहाल मौजूदा समय में हिमाचली वर्जन में यह सांग हिमाचल के हर वर्ग के दिलोदिमाग पर पूरी तरह से छा गया है।
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httpa://www.youtube.com/watch?v=PdxscPPolCY