भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है। वहीं हर साल की तरह इस वर्ष भी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड मुख्य आकर्षण रहेगी।
गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान के आधिकारिक तौर पर लागू होने की वर्षगांठ है जिसे लोकतांत्रिक देश के अस्तित्व में आने के उपलक्ष्य में उत्सव की तरह मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर भारत अपनी समृद्ध विरासत और विकास की यात्रा का उत्सव मना रहा है। गणतंत्र दिवस 2025 की थीम, परेड और पुरस्कार वितरण संबंधी सभी जानकारी आगे दी जा रही है।
आइए जानते हैं इस वर्ष 76 वें गणतंत्र दिवस की थीम क्या है और इसे कैसे और कहां मनाया जा रहा है।
गणतंत्र दिवस 2025 की थीम
भारत के 76 वें गणतंत्र दिवस 2025 की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है। ये थीम देश की विरासत को संभालते हुए भारत की प्रगति की यात्रा को दर्शाती है।
परेड का समय और मार्ग
गणतंत्र दिवस की परेड 26 जनवरी 2025 को सुबह 10:30 बजे शुरू होगी। परेड दिल्ली में विजय चौक से शुरू होकर कर्तव्य पथ से होते हुए लाल किले तक जाएगी।
परेड की खासियत
जानकारी के मुताबिक, इस बार की परेड 90 मिनट में पूरी हो जाएगी, जिसकी शुरुआत 300 कलाकारों के साथ होगी और इस परेड में 18 मार्चिंग कंटिजेंट, 15 बैंड और 31 झांकियां शामिल होंगी। इस दौरान कुल 5,000 कलाकार कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
इसलिए मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
- 26 जनवरी 1950 वह स्वर्णिम दिन है जब भारत का संविधान देश में लागू हुआ था। इसीलिए इस विशेष दिन को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारत के संविधान को सबसे बड़ा लिखित संविधान होने का गौरव प्राप्त है।
- आज भी भारत के लिखित संविधान की मूल प्रति सुरक्षित रखी गई है।
- यह कागज पर लिखा हुआ संविधान है, जिसे दशकों से सहेज कर रखा गया है।
- हमारे संविधान ने भारत के हर नागरिक के अधिकार और कर्तव्य निर्धारित किए हैं।
- आजादी के लगभग तीन साल बाद भारत का संविधान लागू हुआ था।
- वास्तव में, भारतीय संविधान न सिर्फ एक दस्तावेज है, बल्कि इसे भारत की आत्मा और उसकी विविधता का प्रतीक भी माना जाता है।