हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी माता महाकाली मंदिर पुरानी मंडी में वार्षिक जाग का आयोजन किया गया। इस दौरान तीनों देवियों ने शिरकत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। देवियों की अगवाई में माता के गुरों ने दहकते हुए अंगारों पर चल कर अग्नि परीक्षा दी। भारी संख्या में उमड़ी भीड़ ने इस अलौकिक दृश्य को देखा।
माता महाकाली मंदिर में शाम छह से सुबह चार बजे तक कीर्तन का आयोजन हुआ। इससे पहले समस्त देवियां अपने स्थल से रथ में विराजमान होकर जाग स्थल पर पहुंची।
पुरानी मंडी में दूसरे दिन आयोजित हुई काली माता की जाग में समस्त भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके उपरांत रात्रि करीब 12 बजे जाग में जलती हुई आग के अंगारों पर गुरों ने नृत्य किया और अंत में काली मंदिर में प्राचीन परंपरा निभाई गई।
श्रद्धालुओं ने काली माता के जयकारे कर सारा माहौल गुंजायमान कर दिया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। जाग पूर्ण होने पर लोगों ने होम की विभूति का तिलक कर उसे घर ले गए।
इसके साथ ही काली मंदिर में सभी देवियों के गुरों ने पूरी रात प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। मंदिर कमेटी के प्रधान पुनीत गुप्ता (चांदू) ने बताया कि रविवार को माता महाकाली मंदिर परिसर में वार्षिक जाग का आयोजन हुआ।
इस दौरान माता के गूर दहकते हुए अंगारों पर चल कर अग्नि परीक्षा देते है। वहीं बुरी शक्तियों को दूर करते है।
गणेश चतुर्थी पर देवधार के सत बाला कामेश्वर मंदिर और बगलामुखी मंदिर सेहली समेत कुछ अन्य देवालयों में घोघरधार संग्राम का परिणाम सुनाया जाता है। इस दौरान आगामी दौर में होनी वाली घटनाओं के संकेत दिए जाते हैं।