नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में स्वत: जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने समय से आयोग के गठन के लिए यह निर्णय लिया है।
उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कि यह विषय मंत्रिमंडल की आज की बैठक का एजेंडा नहीं था। उन्होंने कहा कि आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नामों की घोषणा तथा आयोग के समक्ष विचारणीय बिन्दुओं के बारे में सूचना जल्द जारी करेगी।
अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि सातवें वेतन आयोग 2016 में गठित किया गया था, उन्होंने कहा कि आठवें आयोग की सिफारिशों को 2026 में सातवें वेतन आयोग के समाप्त होने के बाद लागू की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ने उससे पर्याप्त समय पहले नये वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। केन्द्रीय कर्मियों के वेतनमानों और भत्तों की समीक्षा के लिये समय पर गठित किए जाने वाले वेतन आयोग के क्रम में नए वेतन आयोग की सिफारिशों से करीब 50 लाख केन्द्रीय कर्मियों को फायदा होगा।
बता दें कि सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। देश में इस समय करीब 48.62 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर हैं।
8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा। इसमें कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) शामिल है।