कुल्लू : शातिरों ने कुल्लू के एक शिक्षक के खाते से 40 हजार रुपए उड़ा लिए हैं। शातिरों ने स्वयं को बैंक कर्मचारी बताकर पहले शिक्षक को फोन करके बात की और फिर बातों ही बातों में ए.टी.एम. कार्ड के बारे में जानकारी मांगी। शिक्षक भी शातिरों पर विश्वास करके उन्हें अपने बैंक खाते के संदर्भ में सारी जानकारी देते रहे। अंत में शिक्षक ने शातिरों को ओ.टी.पी. (वन टाइम पासवर्ड) नंबर भी बता दिया। यह नंबर बताते ही खाते से पैसा गायब हो गया। ओ.टी.पी. नंबर एक ऐसा सुरक्षा कोड होता है जो बैंक में ऑनलाइन लेन-देन के दौरान मोबाइल पर आता है। इस नंबर की पुष्टि करने के बाद ही खाते से पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। जानकारी के अनुसार कुल्लू जिला के दलासणी इलाके में बतौर जे.बी.टी. शिक्षक कार्यरत हरजिंद्र को भी सोमवार को ऐसी ही फोन कॉल आई।
शातिरों ने स्वयं को बैंक कर्मी बताकर उनके खाते से पैसे साफ कर दिए। जब तक हरजिंद्र कुछ समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी। हरजिंद्र का खाता भारतीय स्टेट बैंक में है। खाते से पैसे साफ होने के बाद उन्होंने बैंक में जाकर सूचना भी दी लेकिन बैंक कर्मियों ने साफ कह दिया कि खाते को फिलहाल ब्लाक कर सकते हैं लेकिन शातिरों तक पहुंच पाना इतना आसान नहीं है। देश के किसी दूसरे राज्य में बैठकर ऐसे शातिर लोगों को निशाना बनाते हैं। शिक्षक ने भुंतर पुलिस थाना में शिकायत की है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि यह सारा पैसा मुंबई के 3 खातों में ट्रांसफर हुआ। शिक्षक के खाते में 40900 रुपए थे, जिसमें 40 हजार रुपए साफ हो गए।
बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं
बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं के बावजूद लोग ऐसे शातिरों के जरिए ठगी का शिकार हो रहे हैं। आंकड़ों पर निगाहें दौड़ाएं तो इसी साल जनवरी से लेकर अब तक कुल्लू में एक दर्जन के करीब लोगों को शातिर अपना निशाना बना चुके हैं, ऐसे मामलों में एक बार गए हुए पैसों के वापस मिलने के आसार भी कम ही होते हैं। लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले ये लोग तुरंत अपने खाते में पैसा आते ही उसे निकाल लेते हैं। ऐसे शातिरों का बहुत बड़ा नेटवर्क है, जो लोगों को शिकार बनाता है।
ऐसे फोन आएं भी तो इन्हें नजरअंदाज करें
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में बतौर वरिष्ठ प्रबंधक कार्यरत शेर सिंह ने बताया कि ऑनलाइन लेन-देन के दौरान ऑटो जैनरेटेड पासवर्ड ङ्क्षलक्ड मोबाइल फोन पर आता है। इसे ओ.टी.पी. कहते हैं। इस पासवर्ड के जरिए ही लेन-देन की प्रक्रिया को फाइनल किया जाता है। बैंक कभी भी ए.टी.एम. के संदर्भ में फोन करके कोई जानकारी नहीं मांगता। बैंक में जाकर ही लोगों को ए.टी.एम. के संदर्भ में जानकारी लेनी चाहिए। ऐसे फोन आएं भी तो इन्हें नजरअंदाज करें।
बैंक प्रबंधन ने राशि वापस लौटाने में उनकी किसी तरह की मदद से इंकार किया
भुंतर पंचायत की पूर्व पार्षद रमा शर्मा ने कहा कि शातिरों ने जिस शिक्षक को शिकार बनाया है वह उनके पति हैं। उन्होंने कहा कि हमने बैंक में जाकर भी छानबीन की मांग की लेकिन बैंक प्रबंधन ने राशि वापस लौटाने में उनकी किसी तरह की मदद से इंकार किया। किसी के भी बैंक खाते से पैसा उड़ाना इतना आसान है तो इस तरह की प्रक्रिया को कुछ जटिल किया जाना चाहिए। रमा ने बताया कि पुलिस ने प्रारंभिक छानबीन के बाद बताया कि यह पैसा 3 खातों में ट्रांसफर हुआ है। ये 3 खाते मुंबई के हैं।
बार-बार हो रही घटनाओं से सबक लें लोग
पुलिस भी बार-बार लोगों को आगाह करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों को जागरूक करती रहती है। रोज समाचारों में भी ऐसी घटनाओं को लेकर खबरें आती रहती हैं और जानकार बैंक खातों या ए.टी.एम. के संदर्भ में किसी अनजान को फोन पर कोई जानकारी न देने को कहते हैं। फिर भी लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं। लोग ऐसी घटनाओं से सबक लें। ए.एस.पी. कुल्लू निश्चिंत सिंह नेगी, हमारे पास इस मामले में भी शिकायत आई है तो इसकी छानबीन की जाएगी।