विवेकानन्द अस्पताल के विशेषज्ञों की तत्परता से बची जान

विवेकानन्द अस्पताल पालमपुर के आपातकालीन विभाग में जोगिन्दरनगर उपमंडल के बल्ह पंचायत के बनौण गाँव के 75 वर्षीय चीनी राम को गम्भीर हालात में 20 फरवरी को लाया गया था. जांच करने पर उन्हें सेप्टीसीमिया (जहर फैलना) ब्लड प्रेशर 70 एम.एम.से भी कम एवं डीहाईड्रेशन  की स्थिति में पाया गया.पूछे जाने पर उनके परिचारक अजय कुमार ने बताया कि उन्हें दो दिन पहले बांस की पेट में चोट लगी थी. उनकी इस गम्भीर चोट को देखते हुए अस्पताल के गहन रोग विशेषज्ञों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखने का निर्णय लिया एवं साथ की ब्लड प्रेशर बढ़ाने की दवाएं (आइनोट्रोप) शुरू की. ब्लड प्रेशर के बढने पर संसथान के सर्जरी विशेषग्य डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा ने इमरजेंसी में पेट का आपरेशन शुरू किया.

 

पेट को खोलने पर छोटी आंत के इलियम भाग को पूरी तरह से फटा पाया जिसके कारण सारा आहार बाहर निकला हुआ था. रोगी की गंभीर स्थिति को देखते हुए अंत की मुरम्मत करने के साथ दोबारा फटने से बचाने के लिए अंत का एक अस्थाई रास्ता (इलियोस्टोमी) बना दिया गया. संस्थान में 5 दिन गम्भीर हालत में वेंटीलेटर पर रहने के बाद उनकी शारीरिक स्थिति में सुधर को देखते हुए 10 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी की गई. करीब अढ़ाई महीने के पश्चात शारीरिक हालत ठीक होने पर 5 मई को दोबारा आंत का अस्थाई रास्ता (इलियोस्टोमी) बंद कर, आंत की स्थाई मुरम्मत कर दी गई एवं पांच दिन में स्वस्थ हालत में अस्पताल से पुन: छुट्टी कर दी गई.यह मामला विवेकानन्द अस्पताल की विशेषज्ञ टीम की कुशलता,तत्पर उपचार का एक और उदाहरण है जिसके कारण गंभीर से गंभीर ट्रामा ग्रसित व्यक्तियों का शीघ्र एवं उचित इलाज़ संभव हो पा रहा है.

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