जोगिन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र में दोनों मुख्य पार्टिंयों में भीतरघात का डर

जोगिन्दरनगर: जोगिन्दरनगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार कड़ा और रोचक मुक़ाबला होने के आसार हैं। कांग्रेस की और से ठाकुर सुरेंद्र पाल जबकि बीजेपी की और से प्रकाश राणा के समर्थकों की और से जीत के दावे किए जा रहे हैं। दोनों ही धड़े अपने-२ अपने उम्मीदवार को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

जोगिन्दरनगर विधानसभा चुनाव 2022

हालाँकि दोनों ही पार्टीयों में भीतरघात होने के प्रबल आसार हैं। हालाँकि बीजेपी के प्रकाश राणा जहां एक और सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है, ऐसा सूत्र बता रहे हैं। जिस तरह से जोगिन्दर नगर की राजनीति में वर्ष 1977 से छाये रहने वाले पूर्व मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता ठाकुर गुलाब सिंह को दर किनार किया गया है उससे उनके समर्थक काफी निराश हैं।

सूत्रों के अनुसार 45 वर्षों के बाद पहली बार ठाकुर गुलाब सिंह कोई चुनाव नहीं लड़ रहे जिसका पार्टी की अंदरूनी स्थानीय इकाई के कार्यकर्ता खुश नहीं हैं। जिस तरह निर्दलीय प्रकाश राणा को चुनाव में उतार कर पुराने कैडर के कार्यकर्ताओं और चेहरों को नज़रअन्दाज़ किया गया है जिससे समर्थकों में बेचैनी है। टिकट ख़रीद को लेकर भी चर्चा का बाज़ार गर्म है।

हालाँकि जोगिन्दरनगर क्षेत्र में इस समय मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में होता दिखाई दे रहा है। आजाद प्रत्याशी व वर्तमान जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह के दामाद संजीव भंडारी मुकाबले को तिकोना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि प्रकाश राणा के करीबी माने जाने वाले महेन्द्र सिंह ने संजीव भंडारी को मैदान में उतारा है ताकि इसका लाभ प्रकाश राणा को मिल सके। इसका कारण यह है कि संजीव भंडारी सीधे -२ कांग्रेस के ठाकुर सुरेंद्र पाल के वोटों में सेंध लगा रहे हैं।

जोगिन्दरनगर बैल्ट से इस बार कांग्रेस, आजाद प्रत्याशी संजीव भंडारी तथा माकपा के कुशाल भारद्वाज खड़े हैं, जबकि भड़ोल बैल्ट से भाजपा के प्रकाश राणा, बाबा लाल गिरी, कूलभूषण अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। इस बार के चुनावों में कर्मचारियों का ओपीएस का मुद्दा भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है।

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