पीलिया के बढ़ते मामलों के चलते जिलाधीश ने ली अधिकारियों कीे बैठक

जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर में बढ़ रहे रहे पीलिया के मामलों और इसे रोकने में नाकाम प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को जिला उपायुक्त मंडी ने कड़े आदेश जारी किए हैं। पीलिया से उपमंडल में तीसरे युवा की मौत होने के बाद शनिवार को जिला उपायुक्त मंडी अर्पूव देवगन भी जोगिन्दरनगर पहुंचे और उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेते हुए कड़े निर्देश दिए।

बढ़ते प्रकोप के बीच जिलाधीश ने ली अधिकारियों कीे बैठक

समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जोगिन्दरनगर में सामने आए जल जनित रोगों के मामलों की जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन के तौर पर इनकी कड़ी निगरानी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य करते हुए ठोस कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए जहां जल शक्ति विभाग के उच्चाधिकारियों के माध्यम से सभी पेयजल स्त्रोतों की नियमित अंतराल बाद गुणवत्ता की जांच की जा रही है, तो वहीं खंड चिकित्साधिकारियों एवं खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर जहां पेयजल स्त्रोतों की साफ. सफाई की जा रही है, तो वहीं लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

उपायुक्त ने बताया कि जल शक्ति विभाग पेयजल स्त्रोतों की नियमित अंतराल के बाद पूरी जांच पड़ताल एवं क्लोरिनेशन करने के उपरांत ही लोगों को पेयजल की सप्लाई उपलब्ध करवा रहा है।

उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल जोगिन्दरनगर में जल जनित रोगों से जुड़े कुल 202 मामले दर्ज हुए हैं। जिनमें अस्पताल में दाखिल हुए 120 लोग स्वस्थ होकर घरों को जा चुके हैं जबकि 51 मामलों में इलाज किया जा रहा है।

इसके अलावा शेष लोगों को ओपीडी के माध्यम से ही उपचार उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीलिया बीमारी के चलते दो लोगों की मृत्यु की पुष्टि भी हुई हैए, जबकि एक अन्य मामले में अन्य कारण सामने आए हैं।

उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया है कि पीलिया बीमारी से जुड़ा कोई भी लक्षण सामने आता है तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर इसकी जांच करवाएं। उन्होंने लोगों से अपने स्तर पर ही उपचार करने एवं झाड़. फूंक वालों से भी दूर रहने की सलाह दी है।

इसके अतिरिक्त मानसून मौसम को देखते हुए लोगों से उबाल कर पानी को प्रयोग में लाने का भी आग्रह किया है।

उपायुक्त ने जोगिंद्रनगर शहरी क्षेत्र में नगर परिषद व जल शक्ति विभाग को मिलकर पानी की सैंपलिंग करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने जलशक्ति विभाग को शहरी क्षेत्र में पेयजल पाइपलाइन नेटवर्क में लीकेज की समस्या को भी चैक करने के निर्देश दिए।

साथ ही नगर परिषद को सीवरेज सिस्टम से बाहर घरों को भी तुरंत जोडऩे को कहा तथा इस संबंध में जल्द रिपोर्ट उन्हे देने के भी निर्देश दिए।

पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग चलाएंगे अभियान

अपूर्व देवगन ने कहा कि जोगिन्दरनगर उपमंडल शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जल जनित रोगों से बचाव व उपचार बारे जागरूक करने को आगामी एक सप्ताह तक विशेष जागरूकता अभियान चला जाएगा।

उन्होंने खंड विकास अधिकारियों एवं खंड चिकित्साधिकारियों को ग्रामीण स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं, महिला एवं युवक मंडलों इत्यादि के सहयोग से प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों की समुचित साफ सफाई सुनिश्चित बनाने को भी कहा।

साथ ही सभी सार्वजनिक शौचालयों की जांच पड़ताल कर रिपोर्ट जल्द उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त पंचायत स्तर पर सभी स्कूलों, पंचायत घरों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों में स्थापित पेयजल टंकियों की भी जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए।

सीपीआईएम ने सरकार पर साधा निशाना

सीपीआईएम की जोगिंदर नगर लोकल कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पीलिया से 2 युवकों और एक युवती की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनकी याद में एक मिनट का मौन भी रखा गया।

बैठक में जिला सचिव कुशाल भारद्वाज, लोकल कमेटी सचिव रविंदर कुमार, संजय जंमवाल, सुदर्शन वालिया, केहर सिंह आदि ने भी हिस्सा लिया। माकपा ने प्रदेश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इन मौतों के लिए जिम्मेवार ठहराया है।

इस अवसर पर माकपा के जिला सचिव कुशाल भारद्वाज ने कहा पिछले कुछ दिनों में ही जोगिंद्रनगर में पीलिया से तीन युवाओं की मौत के बाद भी सरकार नहीं जागी है।

यदि हालत यही रहे तो और भी दुखद समाचार सुनने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि शुरू में ही जब पीलिया के कई मरीज अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्होंने यह मांग उठाई थी कि पीलिया के ईलाज के लिए जोगिन्दरनगर में पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।

इसलिए तुरंत प्रभाव से कम से कम 2 डॉक्टर तथा 3 नर्सें दूसरे अस्पतालों से कुछ दिन के लिए जोगिंदर नगर अस्पताल में तैनात किए जाएँ तथा अतिरिक्त बिस्तरों का भी प्रबंध किया जाए।

जोगिन्दरनगर के हर क्षेत्र में पीने के पानी के स्त्रोतों और पानी के भंडारण टैंकों के सेंपल लेकर जांच होनी चाहिए। विभाग को हर स्तर पर शुद्ध और साफ पेयजल उपलब्ध करवाना चाहिए, जिसके लिए सरकार को चाहिए कि वे ज्यादा मात्रा में स्टाफ उपलब्ध करवाए।

पीलिया फैलने के असली कारणों के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया जाए।

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