हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को अपने कार्यकाल का तीसरा और वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया। बजट का कुल आकार 58,514 करोड़ रुपए रखा गया है।
मुख्यमंत्री जोकि वित्त मंत्री का दायित्व भी निभा रहे हैं, उन्होंने इस बजट को प्रदेश के विकास और जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाला बताया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां 42,343 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि कुल राजस्व व्यय 48,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।
इस प्रकार राज्य का राजस्व घाटा 6,390 करोड़ रुपए रहेगा। इसके अलावा प्रदेश का कुल राजकोषीय घाटा 10,338 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया है, जोकि हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.04 प्रतिशत बैठता है।
सरकार के अनुसार यह घाटा राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जरूरी है।
इतिहास का सबसे न्यूनतम बजट : जयराम
उधर, विपक्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत बजट को निराशाजनक और दिशाहीन बताया है। नेता प्रपिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें व्यावहारिक दृष्टि से कुछ भी ठोस नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया, जो 2 घंटे 55 मिनट तक चला, लेकिन इसमें सच्चाई का अभाव था। जयराम ठाकुर ने बजट के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष 2024-25 का बजट 58,443 करोड़ रुपए का था, जबकि इस बार 58,514 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है।
इस तरह केवल 71 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है, जो कि मात्र 0.12 प्रतिशत है। उन्होंने इसे इतिहास का सबसे न्यूनतम बजट करार दिया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सादगी का दिखावा कर रहे हैं और आल्टो गाड़ी में विधानसभा पहुंचे, लेकिन यह केवल जनता को भ्रमित करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह बजट “बंडल ऑफ कंफ्यूजन” है, जो सभी वर्गों को हताश और निराश करने वाला है।
बजट में केंद्र की योजनाओं का कोई उल्लेख नहीं
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को बजट पेश करते समय झूठ नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जो आंकड़े बताए हैं, वह असल में केंद्र सरकार, नाबार्ड, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और वर्ल्ड बैंक की धनराशि से संबंधित हैं, लेकिन इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार विकास कार्यों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन योजनाओं के लिए नगण्य बजट रखा गया है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार प्रचार-प्रसार में अधिक पैसा खर्च कर रही है, जबकि असली विकास कार्यों के लिए फंड नहीं है।
ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पर सरकार विफल
जयराम ठाकुर ने सरकार के ग्रीन एनर्जी मिशन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
बच्चों को देश भ्रमण पर भेजने की योजना का श्रेय भी सरकार खुद ले रही है, जबकि यह केंद्र सरकार की योजना है। जयराम ने कहा कि चुनावी गारंटियों का बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया है, जिससे जनता में नाराजगी है।