देव पाईंदल ऋषि डोलरा ने घोघरधार की पहाड़ी पर स्थित डायनाबाड़ में भादो महीने में दैव और दैत्यों के साथ हुए अदृश्य युद्ध में देवताओं की जीत होने का दावा किया है। गणेश चतुर्थी को सभी देवताओं ने अपने मंदिरों में प्रवेश किया। देवतागणोंं की मंदिर वापिसी के दौरान आयोजित जागहोम में देव पाईंदल ऋषि के करीब छह दर्जन गुरों ने देव शक्ति के हैरत करतब दिखाए।
जलते अंगारों से खेले गुर
इस दौरान देवता के गुरों ने आग में कूदकर जलते अंगारों को मूंह में चबाया और जलती आग की लकड़ी को उठाकर ऋषि के सरोवर मेें फैंका। जागहोम में देवता की पूरी हार क्षेत्र से सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर देव आस्था के इस त्योहार में देव ऋषि के रथ से आर्शिवाद प्राप्त किया। जागहोम शुरू होने से पहले देव पाईंदल का रथ मंदिर से देव सरोवर के पास पहुंचा। रात भर देवता का रथ इसी स्थान पर रूका।
देवता के आशीर्वाद से हो रहे विकास कार्य
देव कमेटी के प्रधान जगदीश चंद ने यहां श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए देवता के कोष से निर्मित किए जा रहे पुल का पूरा ब्यौरा हार के लोगों के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पुल के निर्माण को देवता के आर्शिवाद और लोगों के सहयोग से माकूल धन राशि मंदिर कमेटी के पास है। पुल के दोनों किनारों का निर्माण कर लिया गया है। शेष बचे स्टील कार्य को बरसात हटने के बाद जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
जागहोम में दिखे हैरत अंगेज करतब
जागहोम की प्रक्रिया शुरू होते ही सबसे पहले ज्येष्ठ गुर ने देव खेल ली। इसके उपरांत देवता के देवता के दर्जनों गुरों ने क्रम वाइज देव खेल लेते हुए आग के अंगारों पर चलकर देव शक्ति हैरत करतब दिखाए। इस दौरान अन्य शक्ति पीठों से भी देवताओं ने लोगों के शरीर में प्रवेश कर जागहोम में उपस्थिती दर्ज की। दुसरी कड़ी में देवता पाईंदल ऋषि के बीर मंशाणकरू के करीब एक दर्जन गुरों ने देवखेल लेकर आग के अंगारों पर नाचे।
देवताओं की जीत का दावा
मंदिर लौटते ही देव पाईंदल ऋषि ने दैत्यों केे साथ हुए देवताओं के युद्ध में गुरों के माध्यम से देवताओं की जीत होने का दावा किया। देव ऋषि ने युद्ध के दौरान बुरी आत्माओं की चपेट में आने से होने वाले नुकसान के उपाय भी लोगों को बताए। देव पाईंदल ऋषि की डोलरा स्थली, देव हुरंग नारायण, देव पाईंदल ऋषि के नारों से गूंज उठी।
रात भर चला भजन कीर्तन
रात भर श्रद्धालुओं ने देव ऋषि का भजनों के माध्यम से खूब गुणगान किया। पंचमी के दिन देव ऋषि के रथ ने अपने मंदिर की बणी की परिक्रमा कर सभी श्रद्धालुओं को आर्शिवाद दिया। उधर देव पाईंदल के शिलग मंदिर, माता चामुंडा भगवती के द्रंग मंदिर, माता चर्तुभुजा के पाली मंदिर सहित सभी शक्ति पीठों में जोगहोम का आयोजन धूमधाम से संपन हुआ।
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