केंद्र सरकार ने एडवोकेट एक्ट-1961 में किए जाने हेतु प्रस्तावित अपने संशोधन वापस ले लिए हैं। इसी के चलते प्रदेश के अधिवक्ताओं द्वारा किया जा रहा आंदोलन अब समाप्त हो गया है।
शुक्रवार से अब प्रदेश की सभी अदालतों में अधिवक्ता पहले की ही तरह सुचारू रूप से कार्य करेंगे। केंद्र सरकार इन संशोधनों को लेकर एडवोकेट अमैंडमैंट बिल-2025 ड्राफ्ट किया था, जिसे अब केंद्र सरकार ने वापस ले लिया है।
हिमाचल में आंदोलन को चला रही हिमाचल प्रदेश एडवोकेट समन्वय कमेटी के बैनर तले वीरवार को प्रदेश के करीब 200 अधिवक्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने परिधिगृह बिलासपुर में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की व अपना ज्ञापन उन्हें सौंपा।
ज्ञापन के बाद केंद्र सरकार के संबंधित पक्ष से चर्चा करने के बाद नड्डा ने परिधिगृह बिलासपुर में सभी अधिवक्ताओं की उपस्थिति में यह घोषणा की केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट-1961 में प्रस्तावित अपने सभी संशोधनों को वापस ले लिया गया है।
केंद्र सरकार इस एक्ट में अब कोई भी संशोधन करने नहीं जा रही है। इसलिए सभी शंकाओं व विरोध को छोड़कर एडवोकेट अमैंडमैंट बिल-2025 ड्राफ्ट को रद्द समझा जाए, साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि भविष्य में कभी कोई संशोधन करने का विचार केंद्र सरकार का रहेगा तो पहले अधिवक्ताओं के साथ उचित मंच पर सरकार बातचीत करेगी व आपसी सहमति से ही ऐसा कोई संशोधन लाया जाएगा।
वहीं हिमाचल प्रदेश एडवोकेट समन्वय कमेटी के संयोजक अधिवक्ता लेखराम नड्डा ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के हुई बातचीत में उनके द्वारा केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन वापस ले लिए जाने की जानकारी देने के बाद प्रदेश एडवोकेट समन्वय कमेटी ने अपना आंदोलन भी समाप्त कर दिया है, साथ ही उन्होंने इस गतिरोध को समाप्त किए जाने हेतु नड्डा व केंद्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया।