हिमाचल सरकार से अनुमति मिलने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने हिमाचल में ट्रैंड ग्रेजुएट टीचर यानी टीजीटी कैडर में बैचवाइज भर्ती शुरू कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम चंद ने भर्ती नोटिस जारी कर दिया है और तुरंत यह प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। कुल 1400 पद टीजीटी कैडर में बैच से ही भरे जाएंगे।
इसमें टीजीटी आट्र्स में 420, नॉन मेडिकल में 306, मेडिकल में 172 पद दिए गए हैं। इसके अलावा एक्स सर्विसमैन कोटे में 353, दिव्यांग 90 और स्पोर्ट्स कोटे से 68 टीचर भर्ती होंगे।
ये पद पूर्व सैनिक निगम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और खेल विभाग को भेजे गए हैं। इन तीनों विभागों से यह पद स्पांसर किए जाएंगे। भर्ती नोटिस में टीजीटी के भर्ती नियमों को भी बदल दिया गया है।
एनसीटीई ने 2019 में टीजीटी की भर्ती के लिए ग्रेजुएशन में नंबर कम होने की सूरत में पोस्ट ग्रेजुएशन के नंबर लेने की व्यवस्था कर दी थी। यह विकल्प हिमाचल में पहली बार लागू किया गया है।
यानी यदि जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों के ग्रेजुएशन में 50 फीसदी अंक नहीं हैं, तो पोस्ट ग्रेजुएशन के 50 फीसदी अंक भारती के लिए लिए जा सकते हैं। हिमाचल में आरक्षित वर्गों को पहले ही पात्रता अंकों में पांच फ़ीसदी की छूट है।
पहले से तय प्रक्रिया के अनुसार हिमाचल में टीजीटी की भर्ती के लिए कुल पदों में से एक्स सर्विसमैन दिव्यांग और स्पोट्र्स कोटा अलग कर दिया जाता है। इसके बाद शेष बचे पदों में 50 फीसदी पद बैचवाइज लिए जाते हैं। इस बार की भर्तियों में वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन के पद नहीं है।
इसकी वजह यह है कि एक बार एक्स सर्विसमैन के लिए विद्यापीठ करने के बाद दो साल इन पदों पर इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद खाली रह गए पद वार्ड ऑफ एक्स सर्विसमैन को ट्रांसफर होते हैं।
टीजीटी की भर्ती के लिए अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग खुद ही काउंसिलिंग करेगा और बैचवाइज भर्ती में 22,860 रुपए प्रति माह के वेतन पर अनुबंध आधार पर दो साल के लिए नियुक्ति होगी।
उधर, टीजीटी के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग जेबीटी और शास्त्री के पदों को भी बैचवाइज भर्ती के लिए जल्द विज्ञापित करने जा रहा है। दरअसल, जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया में काउंसिलिंग के मॉड्यूल को बदला जा रहा है, ताकि इसमें समय की बचत हो।
जेबीटी की भर्ती से बीएड को अब हमेशा के लिए हटाया जा रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद हो रहा है, जबकि शास्त्री की भर्ती के लिए भी भर्ती नियमों को बदल जाएगा।
शास्त्री को हिमाचल में टीजीटी संस्कृत का दर्जा सरकार दे चुकी है, इसलिए भर्ती नियमों में ग्रेजुएशन और बीएड को लिया जा सकता है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी हुए भर्ती नोटिस में वर्तमान में चल रहे बैच के साल भी बताए गए हैं।
टीजीटी आर्ट्स में जनरल कैटेगरी के लिए सितंबर 2001 का बैच है, जबकि टीजीटी नॉन मेडिकल में 1999 का बैच चल रहा है, टीजीटी मेडिकल में यही बैच 2002 का है।
यदि सबसे नजदीकी बैच की बात करें, तो टीजीटी नान मेडिकल एसटी कैटेगरी में 2018 का बैच है। यानी टीजीटी नॉन मेडिकल जनरल कैटेगरी की अभ्यर्थियों को बीएड करने के 24 साल के बाद नौकरी मिलने जा रही है।