अगले महीने सभी उपभोक्ताओं को बिजली की सबसिडी पहले की तरह मिलेगी। सरकार ने सबसिडी बंद करने को लेकर फैसला तो लिया है मगर अब तक उस पर आदेश जारी नहीं हुए हैं।
अभी आगे कुछ दिनों तक इस पर आदेश जारी भी नहीं होंगे लिहाजा तय है कि लोगों को सबसिडी आधारित बिल ही आएंगे, जिन लोगों ने 125 यूनिट से कम बिजली का इस्तेमाल किया है उनको बिल नहीं आएगा और जिन्होंने ज्यादा बिजली इस्तेमाल की है उनको सबसिडाइज्ड रेट पर ही बिल आएगा।
यानी इस बार उपभोक्ताओं को झटका नहीं लगने वाला। सूत्रों की मानें तो सरकार ने बिजली सबसिडी को अपरोक्ष रूप से खत्म करने का निर्णय तो ले लिया है, परंतु इस पर आदेश जारी नहीं कर पा रही है।
इसके पीछे कुछ कारण हैं, जिसमें प्रमुख कारण यह है कि लेाग इस मामले में भड़क गए हैं और लोगों की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ेगी।
हालांकि अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने के लिए सरकार को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा है। अभी सरकार इस पर रिएक्शन देख रही है। दूसरा मामला यह है कि सरकार के फैसले में क्लेरिटी नहीं है।
यह साफ नहीं हो पा रहा है कि एक ही मीटर पर सबसिडी मिलेगी तो उसको किस तरह से डिफाइन किया जाएगा। क्या जिनके राशन कॉर्ड बने हैं उन्हीं को 125 यूनिट तक एक मीटर पर फ्री बिजली की सौगात मिलेगी।
इसमें भी अधिकारियों के सामने कई भ्रांतियां हैं। विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ को लेकर पहले जो आदेश किए हैं उसमें अलग-अलग श्रेणियों के लिए अलग-अलग रेट हैं और उनको किस तरह से और किन पर लागू करना है इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।
सीएम ने होल्ड रखा फैसला
सूत्रों की मानें तो इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंंदर सिंह सुक्खू से अधिकारियों की बात हुई है मगर वहां से अब तक नया फैसला लागू करने के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
सीएम ने कहा है कि अभी इसे होल्ड में रखा है, आगे देखते हैं कि क्या करना है। नया फैसला लागू होने के बाद पांच रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल आना है, जिसमें सरकार की ओर से कोई सबसिडी नहीं होगी। परंतु अभी यह दरें लागू नहीं होंगी और अलग-अलग श्रेणियों को पुरानी दरों पर ही बिल आएगा।
स्मार्ट मीटर खरीद का मामला भी ठंडे बस्ते में
सूत्रों की मानें तो स्मार्ट मीटर की खरीद का मामला भी खटाई में पड़ गया है। इस पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा हो चुकी है और उन्होंने कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिए हैं।
हालांकि यह कहा जा रहाहै कि सीएम दोबारा से इसके टेंडर करवाने के हक में है मगर बिजली बोर्ड प्रबंधन उनसे इस पर बातचीत कर रहा है। सीएम के दिल्ली से लौटने के बाद इस पर आगे निर्णय होगा।
बिजली उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं
यहां बता दें कि बिजली बोर्ड महीने के आखिर में बिल तैयार करने शुरू कर देता है। सोमवार से उसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और पहले अगस्त की मीटर रीडिंग के अनुसार लोगों को बिल भेज दिए जाएंगे।
यह बिल महीने के पांच से दस तारीख तक मिल जाते हैं और अहम है कि ऑन लाइन ज्यादा बिल अब मिल जाते हैं। जब तक सरकार से अधिसूचना नहीं होगी तब तक इस पर आगे काम नहीं होगा।
ऐसे में 28 लाख के करीब बिजली उपभोक्ताओं पर फिलहाल ज्यादा बोझ नहीं पड़ने वाला हैं।