अडानी एग्रो फ्रेश ने विरोध के बाद सेब के दामों में दस रुपए तक की बढ़ोतरी कर दी है। इससे पहले जहां प्रीमियम सेब के लिए 95 रुपए का रेट खोला गया था, तो वहीं अब अडानी 105 रुपए में प्रीमियम सेब की खरीद करेगा।
हालांकि बागबान 10 रुपए रेट बढऩे से भी संतुष्ट नहीं है। बागबानों का कहना है कि मार्केट में प्रीमियम सेब का रेट 130 से 150 रुपए तक चल रहा है। ऐसे में अडानी को भी यही रेट प्रीमियम सेब के लिए खोलना चाहिए।
प्रीमियम सेब 80 से 100 रुपए प्रतिशत रंग वाला सेब है। प्रीमियम सेब के अलावा एक्स्ट्रा स्मॉल सेब 91 रुपए में खरीदा जाएगा, जबकि एक्सट्रा लार्ज सेब 66 रुपए में खरीदा जाएगा। पीतू सेब 66 रुपए में खरीदा जाएगा।
इसके अलावा सुप्रीम गुणवत्ता वाला सेब 56 से 68 रुपए में खरीदा जाएगा। सुप्रीम गुणवत्ता वाले सेब में 60 से 80 फीसदी रंग वाला सेब आएगा। इससे कम रंग वाला सेब 25 रुपए में खरीदा जाएगा।
अंडर साइज सेब 20 रुपए में खरीदा जाएगा। हालांकि यह रेट पिछले वर्ष की तुलना में काफी ज्यादा हैं, लेकिन मार्केट रेट की तुलना में काफी कम है। इसलिए बागबान रेट और बढ़ाना चाहते हैं।
बागबानों के संयुक्त किसान मंच का कहना है कि अडानी का रेट मार्केट रेट के मुताबिक बहुत कम है। ऐसे में सरकार इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करें और अडानी एग्रो फ्रेश प्रबंधन के साथ मीटिंग बुलाई जाए।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि पहले से ही मांग कर रहा है कि प्रदेश में अडानी व अन्य कंपनियों के द्वारा करोड़ों रुपए की भारी सबसिडी प्राप्त करने के बावजूद बागबानों से सेब खरीद के लिए जिस तरह से मनमानी की जा रही है।
उसकी जांच के लिए बागबानी सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें बागबानों के प्रतिनिधि के साथ बागबानी, आर्थिकी व कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए।
यह कमेटी अडानी व अन्य कंपनियों के साथ किए गए करार की समीक्षा कर इनके कारोबार की शर्तों को नए रूप से तय की जाए, ताकि बागबानों के हितों की रक्षा की जाए।