आप सभी को शारदीय नवरातों की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस बार शारदीय नवरातों की शुरुआत 22 सितम्बर से हो रही है।
पंचांगों की गणना के अनुसार 22 सितम्बर को कलश स्थापना प्रातः 6 बजे से दोपहर तक की जा सकती है। अभीजीत मुहूर्त में दिन में 11 बजकर 33 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक है।
कलश स्थापना
कलश स्थापना के लिए अमृत मुहूर्त प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक तथा 8 बजकर 30 मिनट से 10 बजे तक है। इस बार 10 दिनों के नवरात्र में पूजा पंडालों में संधि पूजन 29/30 सितमबर को मध्यरात्रि के बाद किया जाएगा।
नवरात्र में अश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि की वृद्धि है। महानवमी तिथि एक अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 37 मिनट तक है।
पारन
सम्पूर्ण नवरात्र व्रत का पारन दो अक्टूबर को किया जाएगा। आश्विन शुक्ल दशमी तथा श्रवण नक्षत्र के संयोग से विजयादशमी पर्व दो अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।
तारीख | तिथि | विवरण |
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22 सितंबर | प्रतिपदा | मां शैलपुत्री |
23 सितंबर | द्वितीया | मां ब्रह्मचारिणी |
24 सितंबर | तृतीया | मां चन्द्रघंटा |
25 सितंबर | चतुर्थी | साधना दिवस |
26 सितंबर | चतुर्थी (दोहराव) | मां कुष्मांडा |
27 सितंबर | पंचमी | मां स्कंदमाता |
28 सितंबर | षष्ठी | मां कात्यायनी |
29 सितंबर | सप्तमी | मां कालरात्रि |
30 सितंबर | अष्टमी | मां महागौरी |
01 अक्टूबर | नवमी | मां सिद्धिदात्री |
02 अक्टूबर | विजयादशमी | रावण दहन |
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