शिमला : निजी बस ऑपरेटर बसें चलाने के लिए मान गए हैं। वे पहली जून से सरकार के आदेशों की पालना करेंगे। इस संबंध में निजी बस ऑपरेटर संघ ने वीरवार को परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर के साथ वार्ता की। इसमें किराया बढ़ाने के मसले पर भी चर्चा की। बैठक में तय हुआ कि इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ प्रमुखता से उठाया जाएगा।
सरकार करेगी आर्थिक मदद
संघ के मुताबिक बैठक में मंत्री ने आश्वासन दिया कि जो ऑपरेटर बसें चलाने में असमर्थ हैं, ऐसे में सरकार उनकी आर्थिक मदद करेगी। किसी भी ऑपरेटर को जबरन बसें चलाने के लिए बाध्य नहीं करेगी।
परिवहन मंत्री के साथ हुई वार्ता
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने सरकार के बुलावे पर राज्य सचिवालय में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर के साथ वार्ता की। इसमें एक जून से बसें चलाने के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में विस्तृत बातचीत हुई। मंत्री ने आश्वासन दिया है कि निजी बस ऑपरेटरों की मदद करने को सरकार पूरी तरह से तैयार है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि सरकार ने बसें चलाने के लिए पूरी तरह से बाध्य नहीं किया है। मंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि जो व्यक्ति बस चलाने में असमर्थ है, उसके लिए सरकार आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाने की कोशिश करेगी।
ये दिया आश्वासन
परिवहन मंत्री ने न्यूनतम किराया पहले 5 किलोमीटर तक 10 रुपये, 10 किलोमीटर तक 20 रुपये, 15 किलोमीटर तक 30 रुपये करने और सामान्य किराये में भी बढ़ोतरी करने का आश्वासन दिया है। वह इस बारे में वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे और अगली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।
हर सप्ताह होगी रिव्यू बैठक
बस संचालन के बाद हर सप्ताह रिव्यू बैठकें होंगी। परिवहन निदेशक इन बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। घाटे में चलने वाले रूटों, बसों का आकलन किया जाएगा। इसके आधार पर सरकार ने भरपाई की मांग की जाएगी। मंत्री ने कहा कि जो चालक परिचालक प्रवासी मज़दूरों को लेकर अन्य राज्य में गए थे उनको भी 50 लाख के बीमा में कवर किया जाएगा।
ये थे उपस्थित
बैठक में निदेशक परिवहन कैप्टन जेएम पठानिया, संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल, जिला कांगड़ा के प्रधान रवि दत्त शर्मा, विनय बेदी, नालागढ़ से जितेंद्र, मनोज राणा, शिमला से अमित चड्ढा भी मौजूद थे।
निजी बस ऑपरेटरों के साथ बैठक हुई है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है। बसें एक जून से चलेंगी। किराया बढ़ाने की मांग आई है, पर मैंने इस पर ठोस आश्वासन नहीं दिया है। वैसे पहलुओं और मांगों पर गौर करेंगे।