डाक्टरों की हड़ताल के चलते मरीज परेशान

मंडी : गुरुवार को जिला मंडी में चिकित्सकों की दो घंटे की दो घंटे हड़ताल ने चिकित्सा सुविधाओं को बुरी तरह से प्रभावित किया। गुरुवार को सभी सरकारी अस्पतालों और नेरचौक मेडिकल कालेज में चिकित्सक दो घंटे की हड़ताल पर रहे। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़ कर किसी भी प्रकार की सेवाएं मरीजों को नहीं मिल सकीं, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जोनल अस्पताल मंडी में तो इस कारण ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइनें लगी रहीं और दो घंटे तक मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे।

जोनल अस्पताल के साथ ही सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगिन्दरनगर, गोहर, थुनाग, रत्ती, धर्मपुर, लड़भड़ोल, कोटली, बलद्वाड़ा, धर्मपुर समेत जिला के सभी सरकारी अस्पतालों चिकित्सकों की दो घंटे ही हड़ताल के कारण मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। जोनल अस्पताल मंडी में डा. विकास ठाकुर प्रधान हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर एसोसिएशन मंडी इकाई, डा. अश्विनी ठाकुर उपप्रधान, डा. दुष्यंत ठाकुर संयुक्त सचिव हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफि सर्स एसोसिएशन, डा. अरविंद बेहल सीईसी सदस्य, डा. उमंग ठाकुर सीईसी सदस्य, डा. भरत ठाकुर कोषाध्यक्ष और हास्पिटल के अन्य विशेषज्ञ एवं चिकित्सक इस पेन डाउन स्ट्राइक में मौजूद रहे।

डा. विकास ठाकुर ने बताया कि यह पेनडाउन स्ट्राइक जिला के विभिन्न स्वास्थ्य खंडों में, नागरिक चिकित्सालय में, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन कई बार मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी मांगों के बारे में अवगत करवा चुकी है, लेकिन अब तक निराशा ही हाथ आई है।

संघ के सभी सदस्य नए वेतन आयोग के महत्त्वपूर्ण बिंदु सामने लाना चाहते हैं जिनमें चिकित्सकों के हितों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के नॉन प्रैक्टिस भत्ते को पंजाब की तर्ज पर 25 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि बेसिक प्लस एनपी, वेतन की अधिकतम सीमा 218600 निश्चित की है, जबकि पंजाब में यही वेतन 237500 दिया जा रहा है।

संघ के सभी सदस्यों की मांग है कि इस विसंगति को दूर किया जाना चाहिए और बेसिक प्लस एनपीए की अधिकतम सीमा को पंजाब की तर्ज पर चिकित्सकों के लिए 237500 दिया जाना चाहिए अन्यथा एनपीए को 25 फीसदी ही रखा जाना चाहिए।

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