लगातार अनदेखी का शिकार हो रहा पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग

जोगिन्दरनगर :  पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग लगातार अनदेखी का शिकार होता जा रहा है तथा अनदेखी के चलते इस रेलमार्ग पर वर्ष 2022 से रेलगाड़ियों की आवाजाही नाममात्र ही रही है। इन दो वर्षों में कभी एक माह, तो कभी दो माह के लिए रेलगाड़ियाँ चलीं।

अभी रेलगाड़ियों की समयसारिणी का लोगों को मालूम ही नहीं होता कि इससे पहले रेलगाड़ियाँ बंद कर दी जाती हैं। अकसर ऐसा होने से प्रदेश के जिला कांगड़ा की 12 विधानसभाओं नूरपुर, फतेहपुर, इंदौरा, जवाली, देहरा, शाहपुर, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, सुलाह, बैजनाथ व जोगिन्दरनगर  की जनता को आवागमन करने में परेशानी होती है।

ज्यादातर पंचायतें व पर्यटक-धार्मिक स्थल इस रेलमार्ग किनारे ही स्थित हैं तथा रेलगाड़ियाँ बंद होने से पर्यटक व श्रद्धालु भी कम ही आते हैं।

वर्ष 2022 में चक्की पुल के पिल्लर बरसात के कारण ध्वस्त हो गए थे, जिसके बाद से रेलगाड़ियाँ बंद कर दी गईं थी। बाद में जनता की मांग पर नूरपुर रोड से बैजनाथ के लिए रेलगाड़ियाँ चलाईं, परंतु कुछ दिनों बाद उनको भी बंद कर दिया।

रोजाना हजारों की संख्या में लोग व व्यापारी वर्ग पठानकोट जाते हैं और रेलगाड़ियोंसे वापस आते हैं। प्रदेश के ज्यादातर व्यापारी पठानकोट से ही सामान लाते हैं।

रेलगाड़ियाँ बंद होने से व्यापार ठप हो जाता है। इस मुद्दे पर रेल विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी कोई जवाब नहीं देता है। हर अधिकारी यही कहता है कि मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल सकता हूं।

रेल मंत्रालय से करेंगे बात, संसद की बैठक में उठाएंगे मुद्दा

कांगड़ा-चंबा सांसद डा. राजीव भारद्वाज ने कहा कि वह इस बारे में रेल मंत्रालय में बात करेंगे। रेलगाडिय़ों को बहाल करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। डीआरएम फिरोजपुर से भी इस मुद्दे पर बात की जाएगी।

नवभारत एकता दल की चेतावनी; आवाजाही बहाल नहीं हुई, तो करेंगे प्रदर्शन

नवभारत एकता दल के राष्ट्रीय संयोजक पीसी विश्वकर्मा ने कहा कि रेल विभाग सहित रेल विभाग के बड़े अधिकारी जानबूझकर रेलगाड़ियों को बंद करके जनता को तंग कर रहे हैं।

सारा रेल ट्रैक ठीक है, तो फिर रेलगाड़ियाँ बंद क्यों की गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह में रेलगाड़ियों की आवाजाही बहाल न हुई, तो जनता को साथ लेकर धरना दिया जाएगा।

ट्रैक की रिपेयर नहीं; बरसात आई, तो रेलगाड़ियाँ बंद

लोगों ने कहा कि यही एकमात्र रेलमार्ग है, जिस पर बरसात में रेलगाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी जाती है। समय रहते रेलमार्ग की रिपेयर की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है और बरसात में इस रेलमार्ग पर रेलगाडिय़ों को बंद कर दिया जाता है।

चुनावों में बनता है सिर्फ मुद्दा; जीते, तो कोई ध्यान नहीं

लोकसभा चुनाव में यह रेलमार्ग मुद्दा बन जाता है, परंतु जीत जाने के बाद न तो सांसद आवाज उठाते हैं और न ही प्रदेश की सरकार इस तरफ ध्यान देती है। जब भी रेल बजट होता है, तो इस रेलमार्ग को ठेंगा मिलता है।

लोगों की उम्मीदें हर बार धराशायी होती हैं। लोगों ने केंद्र-प्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय व कांगड़ा-चंबा के सांसद डा. राजीव भारद्वाज से मांग की है कि रेलगाड़ियों की आवाजाही को जल्द बहाल करवाया जाए।

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