भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पूर्व जवान ने 25 लाख की लॉटरी के चक्कर में गाढ़े खून पसीने से कमाए 72 लाख रुपए गंवा दिए। लॉटरी इसकी नहीं साइबर ठगों की निकली। वह लालच में आकर कई महीनों तक बैंकों से 200 से अधिक बार अज्ञात व्यक्तियों के खातों में पैसे जमा करवाता रहा।
एक बार भी नहीं सोचा कि जिसे वह जानता नहीं, जिसे कभी देखा नहीं, जिसके साथ कोई एग्रीमैंट नहीं हुआ, उसके बैंक खातों में मोटी धनराशि जमा क्यों करवाए। सैनिक रहते हुए भारत की सीमा की रक्षा के लिए खूब पसीना बहाया।
नौकरी से कमाई पूंजी की बचत की लेकिन नौकरी के बाद एक झटके से सब कुछ गंवा दिया। सब कुछ लुट गया तो पीड़ित व्यक्ति साइबर थाने की शरण में आ गया है।
ई-मेल पर आई शिकायत पर दर्ज की एफआईआर
सीआईडी के साइबर थाने ने ई-मेल पर आई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की है।
थाने को पहली नजर में यह विचित्र जैसा मामला लगा लेकिन पूर्व सैनिक के आग्रह को देखते हुए जांच आरंभ कर दी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम भूपिंद्र नेगी ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।
चम्बा पुलिस ने की है पहले छानबीन
चम्बा का यह मामला पिछले वर्ष का है। इससे पहले पूर्व सैनिक ने चम्बा पुलिस से शिकायत की थी, जिसने प्रारंभिक छानबीन की लेकिन मामला दर्ज नहीं हो पाया।
मामला क्यों दर्ज नहीं हुआ, क्या कारण रहे, इस बारे में साइबर थाना चम्बा पुलिस से भी जानकारी प्राप्त करेगा।
ठगी के 24 घंटे के अंदर करें शिकायत
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अनुसार अगर कोई साइबर ठगों का शिकार हो तो वह अपराध के 24 घंटे के अंदर शिकायत करे, इससे पैसा वापस होने के चांस रहते हैं।
लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अज्ञात व्यक्तियों के झांसे में न आएं। बिना जांचे परखे बैंक खातों में पैसे जमा न करें क्योंकि ऐसे खाते जैन्युअन व्यक्तियों, संस्थानों के नहीं ठगों के ही होते हैं।