हिमाचल में पहली बार लगाए जाएंगे इटली और अमरीका के सेब

हिमाचल प्रदेश के बागबानों को बेहतरीन किस्म के सेब के पौधे उपलब्ध करवाने के लिए बागबान विदेशी किस्म के सेब के पौधों को लाया है। पहली बार हिमाचल के बागवान उद्यान विभाग की मदद से इटली और यूएसए से सेब के पौधों की खेप लाए हैं।

इन पौधों को लगाने से लेकर इनकी ग्रोथ की सारी जानकारी और उद्यान विभाग के विशेषज्ञ बागवानों को देने वाले हैं। इसको लेकर बागबानों की बकायदा रेजिस्ट्रशन भी होगी।

बता दें कि उद्यान विभाग हाल ही में इटली और यूएसए की सबसे बेहतरीन किस्म के सेब के पौधे लाया हैं। इसमें गाला, गेनसमित व फियूजी जैसी किस्म के पौधे हैं। इन पौधों से बेहतरीन फसल कैसे पाई जा सकती है।

इसको लेकर उद्यान विभाग बागबानों की पूरी मदद करने जा रहा है। इसके लिए एक क्यूआर कोड भी उद्यान विभाग ने लॉन्च किया है।

इस क्यूआर कोड को स्कैन कर बागबान इन पौधों को लगाने और इनकी देखरेख के साथ अच्छी फसल लगाने की पूरी जानकारी दी ले सकते हैं।

उद्यान विभाग से जो भी यह पौधे ले जाएंगे उनकी रेजिस्ट्रेशन के साथ भूमि की भी जांच की जाएगी। साथ ही उन्हें किस तरह से पौधों को लगाना है और गड्ढे करने है इसकी भी जानकारी उद्यान विभाग बागवानों को देने वाला है।

ताकि जो भी इन पौधों को ले जाता है, तो उन्हें विभाग के विशेषज्ञ पूरी जानकारी देंगे और सही प्लांट देंगे साथ ही बताएंगे कि किस तरह से और कब पौधा रोपण करना हैं।

इसकी पूरी फीडबैक भी बागबान देगा। पौधों को सात हजार से नौ हजार की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगाया जा सकता है। इसमें बागबान विश्व बैंक पोषित परियोजना के तहत लाभ देगा।

हालांकि एमआईडीएच के तहत बागबानों को सबसिडी भी दी जा रही है। उपनिदेशक उद्यान विभाग जिला शिमला डा. सुदर्शना नेगी के मार्गदर्शन में तथा विषय विशेषज्ञ डा. संजय कुमार चौहान के नेतृत्व में तैयार की गई इस प्रदर्शनी में फलों की उत्कृष्ट प्रजातियों, नवीन बागबानी तकनीकों और विभागीय योजनाओं की जानकारी मिल रही है।

ऐप पर पूरी जानकारी

विभाग ने इस बार सीखो और साझा करो (स्कैन एंड शेयर अनुभव) नामक एक अनूठी पहल भी शुरू की है। इसमें आगंतुक और बागबान अपने अनुभव और सफलताओं को मोबाइल के माध्यम से साझा कर सकते हैं, ताकि दूसरे किसान भी उनसे प्रेरणा ले सकें।

बागबानों ने बताया कि इस तरह की जानकारी से उन्हें न सिर्फ योजनाओं की जानकारी मिलती है, बल्कि वे मौसम, मिट्टी और पौध प्रबंधन को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

इसी एप में हर पौधे के रेट भी होंगे। कितने का पौधा पड़ेगा और इसकी ग्रोथ में कितना खर्च आएगा इसकी जानकारी भी एप में मिल जाएगी।