पर्यटन को 1311 करोड़ देगा एडीबी, टूरिज्म क्षेत्र को विकसित करने की परिकल्पना को मिली सराहना

शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि एशियन विकास बैंक (एडीबी) ने प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए 1311.20 करोड़ रुपए की परियोजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है।

इसमें नई एडीबी परियोजना की ट्रेंच-1 की उपपरियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एडीबी ने प्रदेश सरकार की पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की परिकल्पना की सराहना की है।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के ट्रेंच-1 में पालमपुर शहर का सौंदर्यीकरण, धर्मशाला में सम्मेलन केंद्र, मंडी में शिवधाम का विकास, परागपुर में ग्रीन पार्क, धर्मशाला, मनाली और शिमला में आइस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण शामिल है।

इस ट्रेंच के तहत शिमला, धर्मशाला, नादौन, मनाली और कुल्लू में वेलनेस केंद्रों और धर्मशाला में उच्च गुणवत्तायुक्त फाउंटेन टूरिस्ट सुविधा तथा मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग, नादौन व कालेश्वर महादेव कांगड़ा में वे-साइड सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत नादौन में राफ्टिंग और वाटर पार्क परिसर, पौंग डैम, तत्तापानी, नादौन और बंगाणा इत्यादि स्थानों में जलक्रीड़ा उपकरण, जैटी, शिकारा, हाउस बोट व बाइकिंग रूट सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटक स्थलों पर यातायात दबाव कम करने एवं पर्यटकों को मनभावन हिमाचल में अधिक से अधिक समय तक ठहराव के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार साहसिक, धार्मिक, ग्रामीण एवं सप्ताहान्त पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। प

र्यटकों को होम स्टे शृंखला के माध्यम से राज्य के अनछुए प्राकृतिक स्थलों पर समय बिताने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटकों एवं स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए विभिन्न अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में योजनाबद्ध कार्य कर रही है। राज्य के पारंपरिक व्यंजनों एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए खाद्य एवं सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि पर्यटक भी हिमाचल की विविध संस्कृति एवं हस्तकलाओं से लाभान्वित हो सकें।

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