जे मेरे हाथा मंझ सरकार हुंदी

इक बारी इक शराबी बोलदा – जे मेरे हाथा मंझ सरकार हुंदी ता मै देशा री तकदीर बदली देणी थी ।
ए सुणीके तीसरी घरवाली बोलदी – कंजरा पैहले आपणा पजामा ता पाई लै भ्यागा ते मेरी सलवार पाई फिरदा ।
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