जोगिन्द्रनगर में मजदूर की मौत पर हंगामा

जोगिन्द्रनगर: गत दिवस सुरक्षा उपकरणों की कमी के चलते करंट लगने से मझारनु के सुभाष कुमार की मौत और अन्य २ मजदूरों जगदीश और सुदेश के घायल होने पर शनिवार को धरना प्रदर्शन किया गया. CITU से संबधित ऊहल प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के बैनर तले हजारों मजदूर सभी वर्क साइटों को बंद कर ब्यास वैली कोरपोरेशन के एम. डी. ऑफिस का घेराव करने पहुंचे. ऑफिस में अधिकारियों के न मिलने पर मजदूरों ने जोगिन्दर नगर में जलूस एवं धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व मजदूर-किसान नेता कुशाल भारद्वाज ने किया.

मजदूरों नें जोगिंद्रनगर बाजार में विशाल जुलूस निकाला तथा साथी सुभाष अमर रहे के नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। बाद में स्थानीय बस अड्डे पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि ऊहल प्रोजेक्ट में लंबे समय से श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा मजदूरों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के टनल के अंदर जबरदस्ती भेजा जाता है, जिस कारण इस तरह के हादसे होते हैं। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि मृतक सुभाष के परिजनों को कंपनी व बीवीपीसीएल प्रबंधन की तरफ से उचित आर्थिक सहायता दी जाए तथा मृतक की पत्नी को विभाग में पक्की नौकरी दी जाए। इसी तरह घायलों को भी उचित सहायता प्रदान की जाए।

जोगिन्द्रनगर में मजदूर की मौत पर हंगामा

श्री भारद्वाज ने कहा कि प्रोजेक्ट में हालत यह है कि टनल के अंदर जहां लूज गिरता है, वहां पर रिब्ज नहीं लगाए जा रहे हैं न ही शार्ट कंकरीट लग रही है। रॉक बोल्ट भी पूरे नहीं हैं। टनल के अंदर वेंटिलेशन की भी बहुत समस्या है तथा ब्लोर भी अकसर खराब रहता है। विभाग व कंपनी के बड़े अफसर आजकल बरसात में टनल के अंदर नहीं जाते हैं, लेकिन घुटनों तक पानी होने के बावजूद मजदूरों को जबदस्ती अंदर भेज कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।

श्री भारद्वाज ने कहा कि वर्क साइट में दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होती हैं तथा जिन दवाइयों की मांग होती है वे नहीं मंगवाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में से तेल नहीं होता है तथा जरूरत पड़ने के बाद ही तेल का इंतजाम किया जाता है। गम बूट भी फटे-पुराने हैं तथा नए नहीं दिए जा रहे हैं, हैंड ग्लब्ज भी सब मजदूरों के पास नहीं हैं। वर्कशाप में भी जहां मजदूर काम करते हैं, वहां छत तक नहीं है। मजदूरों की कालोनी में तारे नंगी हैं।

श्री भारद्वाज ने कहा कि इन सब समस्याओं बारे पहले भी कई बार संबंधित कंपनी, बीवीपीसीएल प्रबंधन व सरकार को भी अवगत कराया है, लेकिन किसी को भी मजदूरों की जिंदगी की परवाह नहीं है।