उरला हादसे में जोगिन्दरनगर की सुरूचि और सैनिक सन्नी की असमय मौत

पठानकोट-मंडी नैशनल हाईवे में शनिवार देर रात जोगिन्दरनगर के कोटरूपी गांव में पहाड़ी दरकने से हुए हृदय विदारक हादसे ने जोगिन्दरनगर के जिमजिमा गाँव की सुरुचि तथा टिकरू गाँव के सैनिक सन्नी को छीन लिया है. इस दुखद हादसे से समूचे जोगिन्दरनगर में शोक की लहर दौड़ गई है.

एमसीए में दाखिला लेकर लौट रही थी

जिमजिमा गाँव की बेटी सुरूचि ठाकुर व उसकी सहेली को छीन लिया है तथा सुरूचि के जीजा अभी लापता हैं। जोगिंद्रनगर के जिमजिमा गांव में ज्ञान चंद के घर जन्मी सुरूचि 4 बहनों में सबसे छोटी थी। चंडीगढ़ में एम.सी.ए में दाखिला करवाकर लौट रही सुरूचि,उसकी सहेली व सुरूचि के जीजा ने मंडी से 11 बजे जोगिन्दरनगर आने को मनाली-कटड़ा बस ली थी जो हादसे का शिकार हो गई।

सुरुचि के जीजा भी हैं लापता

जोगिंद्रनगर के गरोडू गांव के रहने वाले सुरूचि के जीजा प्रेम कुमार सैंथल स्कूल में टी.जी.टी के पद पर तैनात थे। रविवार देर सांय जोगिंद्रनगर के दुल गांव में सुरूचि की बहन यामिनी ने उसकी चिता को मुखागिनी दी। सुरूचि के पिता एच.पी.एस.ई.बी में लाईनमैन के पद पर तैनात हैं।

टिकरू का सैनिक भी हुआ हादसे का शिकार

वहीँ एक और दुखद घटना में टिकरू गाँव का सन्नी पुत्र तिलक राज भी इस हादसे का शिकार हो गया. इस घटना से समूचे जोगिन्दरनगर में शोक की लहर दौड़ गई है. सन्नी अभी 3 साल पहले ही फ़ौज में भर्ती हुआ था. सन्नी हादसे वाली रात अपने दोस्त को मंडी छोड़कर बाइक में घर आ रहा था कि दुर्घटना का शिकार हो गया. सन्नी दो बहनों का लाडला एकमात्र भाई था. सन्नी के शव को ढूंढ लिया गया है तथा पोस्टमार्टम के बाद कल तक अंतिम संस्कार किया जायेगा.