मेवाड़ का वीर योद्धा : महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवत् कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है.राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा प्रताप का जन्म महाराजा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर ई.स. 1540 में हुआ था.

महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था. महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था. मेवाड़ की शौर्य-भूमि धन्य है जहां वीरता और दृढ प्रण वाले प्रताप का जन्म हुआ. जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर-अमर कर दिया। उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया.

सन् 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में करीब बीस हजार राजपूतों को साथ लेकर महाराणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के अस्सी हजार की सेना का सामना किया.महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘चेतक’ था. इस युद्ध में अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई. शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया. यह युद्ध केवल एक दिन चला परंतु इसमें सत्रह हजार लोग मारे गए.

मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए. महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया.

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